कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत (Lawrence Kohlberg’s Theory of Moral Development) || CTET-2023

 

कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत (Lawrence Kohlberg’s Theory of Moral Development)

कोलबर्ग ने बच्चों के साथ 20 साल तक विशेष प्रकार से साक्षात्कार का प्रयोग करने के बाद बताया कि नैतिक विकास के छह चरण हैं जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है इन छह चरणों में से प्रत्येक चरण नैतिक सुविधाओं को समझाने में अपना पूर्व चरण से अधिक परिपूर्ण है। बालको में चरित्र निर्माण या नैतिक विकास के संदर्भ में लॉरेंस कोहल वर्ग ने अपने अनुसंधान के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि बालकों में नैतिकता या चरित्र के विकास की कुछ निश्चित एवं सार्वभौमिक अवस्था में पाई जाती हैं।

नैतिकता का अर्थ (meaning of morality)

नैतिक व्यवहार जन्मजात नहीं होता है इसे सामाजिक परिवेश से सीखा या अर्जित किया जाता है।

सबसे पहले बालक का अनौपचारिक रूप से अपने आस-पड़ोस तथा स्कूल में नैतिक विकास होता है।

जब बालक का जन्म होता है तो वह नैतिक होता है और ना ही अनैतिक होता है बल्कि वह अच्छा या बुरा आचरण समाज से सीखता है इसलिए कहा जाता है कि विकास की प्रक्रिया में वातावरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

नैतिक विकास की ये अवस्थाएं निम्नलिखित है

1.पूर्व परंपरागत अवस्था/pre conventional stage( 4 से 10 वर्ष) –

इस स्तर के अंतर्गत दो अवस्थाएं होती है

·         आज्ञा एवं दंड की अवस्था (stage of order and punishment)

·         अहंकार की अवस्था (stage of ego/ reward orientation /instrumental )

(i) आज्ञा वा दंड की अवस्था

कम आयु अपरिपक्व होने के कारण बच्चा डरता है की काम ना किया जाए तो उसे दंड दिया जाएगा

परिवार के सदस्य बच्चे को कार्य करने का आदेश देते हैं उस कार्य को ना किया तो बच्चे को दंडित किया जाता है

(ii) अहंकार की अवस्था

जैसे- जैसे बच्चे की आयु बढ़ती है वह परिपक्व होता है

यदि उसका उद्देश्य झूठ बोलने से पूरा होता है तो भूख लगने पर चुराकर खाना खा लेगा

तो यह क्रिया अहंकार की अवस्था में आती हैं

2. परंपरागत अवस्था / conventional stage (10 से 13 वर्ष)

इसे भी दो उप अवस्था में विभाजित किया जाता है

·         प्रशंसा की अवस्था (stage of appreciation )

·         सामाजिक व्यवस्था के प्रति सम्मान की अवस्था (speech of respect for social system )

(i) प्रशंसा की अवस्था

इस अवस्था में बच्चा जो भी करता है वह दूसरे लोगों के द्वारा उसकी प्रशंसा करें करने के लिए करता है

दूसरी ओर समाज के सदस्य बच्चों से विशेष अपेक्षाएं करने लगते हैं तो समाज सेवा ने स्वीकृति मिलने लगती है इस अवस्था में बच्चों ने व्यवहारों को उचित नैतिक मानते हैं जिनके लिए वे परिवार स्कूल पड़ोसी मित्र मंडली से प्रशंसा प्राप्त करते हैं

इस प्रकार हम कह सकते हैं किस अवस्था में बच्चे की चिंतन का स्वरूप समाज और उसके परिवेश से निर्धारित होता है

(ii) सामाजिक व्यवस्था के सम्मान की अवस्था

नैतिक विकास की अवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है

कॉल के अनुसार समाज के ज्यादातर सदस्य नैतिक विकास किस अवस्था तक पहुंच जाते हैं

इस अवस्था में प्रवेश से पहले बालक समाज को केवल इसलिए महत्वपूर्ण मानता है कि वह उसकी प्रशंसा करता है

अब समाज को स्वयं एक लक्ष्य ने लगता है

3. उत्तर परंपरागत अवस्था/post conventional stage(13 वर्ष से अधिक)

(i) समाज के साथ संबंध

कोई भी बालक इस अवस्था में समाज के प्रति अच्छा कार्य करता है वह नहीं जाता कि समाज के साथ उसका समझौता टूटे

(ii) सार्वभौमिक संबंध

इस अवस्था में बालक विवेक का प्रयोग करता है और कुछ नियम अपने आप से बनाता यह देखता है कि समाज में क्या अच्छा है और क्या बुरा , इस अवस्था में बालक अपने मन से कार्य करता है

Q. 1 कोहलबर्ग के अनुसार सही और गलत के प्रश्न के बारे में निर्णय लेने में शामिल चिंतन प्रक्रिया को कहा जाता है

a. नैतिक यथार्थवाद

b. नैतिक दुविधा

c. सहयोग की नैतिकता

d. नैतिक तर्कणा

Ans- d

Q.2 एक बच्चा तर्क प्रस्तुत करता है – “आप यह मेरे लिए करें और मैं मैं आपके लिए करूंगा।यह बच्चा कुबूल वर्कर की नैतिक तर्कणा की किस अवस्था के अंतर्गत आएगा ?

a. सहायक उद्देश्य अभिमुखीकरण

b. दंड और आज्ञापालन अभिमुखीकरण

c. अच्छा लड़का -अच्छा लड़का अभिमुखीकरण

d. सामाजिक अनुबंध अभिमुखीकरण

Ans-a

Q.3 कोहलवर्ग के अनुसार शिक्षक बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास कर सकता है ?

a. कैसे व्यवहार किया जाना चाहिए इस पर कठोर निर्देश देकर

b. धार्मिक शिक्षा को महत्व देकर

c. व्यवहार के स्पष्ट नियम बनाकर

d. नैतिक मुद्दों पर आधारित चर्चाओं में उन्हें शामिल करके

Ans -d

Q.4 कोहलवर्ग के सिद्धांत के योगदान के रूप में निम्नलिखित में से किसे माना जा सकता है ?

a. उनका विश्वास है कि बच्चे नैतिक दार्शनिक हैं

b. उनके सिद्धांत ने संज्ञानात्मक परिपक्वता और नैतिक परिपक्वता के बीच एक सहयोग का समर्थन किया है

c. इस सिद्धांत में विस्तृत परीक्षण प्रक्रियाएं है

d. यह नैतिक तर्क और कार्यवाही के बीच एक स्पष्ट संबंध स्थापित करता है

Ans-b

Q. 5 कोलबर्ग कि सिद्धांत की प्रमुख आलोचना क्या है ?

a. कोलबर्ग ने बिना किसी अनुभूतिमूलक आधार के सिद्धांत प्रस्तुत किया

b. कोह्लबर्ग नैतिक विकास की स्पष्ट अवस्थाओं का उल्लेख नहीं किया

c.. कोलबर्ग  ने प्रस्ताव दिया कि नैतिक तार्किकता विकासात्मक है

d. कोलबर्ग में पुरुष एवं महिलाओं की नैतिक तार्किकता में सांस्कृतिक विभिन्नताओं को महत्व नहीं दिया

Ans- d

Q.6 कोहलवर्ग में नैतिक विकास के विचार में ___ का स्तर है।

a. तीन

b. चार

c. दो

d. छः

Ans- a

Q.7 निम्नलिखित में से कौन सा कोलबर्ग के नैतिक विकास के चरणों की विशेषता है ?

a. चरणों का परिवर्तनशील अनुक्रम

b. विभिन्न चरण अलग-अलग प् प्रत्युतर है कि सामान्य प्रतिमान

c. सभी संस्कृत्यो से संबंधित चरणों की सार्वभौम श्रृंखला

d. विभिन्न चरण एक गैर पदानुक्रम रूप से आगे की ओर बढ़ते हैं

Ans – c

Q . 9 लॉरेंस कोहलवर्ग के सिद्धांत में कौन सा स्थान नैतिकता की अनुपस्थिति को सही अर्थों में सूचित करता है ?

a. स्तर 3

b. स्तर 4

c. स्तर 1

d. स्तर 2 .

Ans- c

Q.10 कोहलवर्ग के सिद्धांतों के पूर्व परंपरागत स्तर के अनुसार, कोई नैतिक निर्णय लेते समय एक व्यक्ति निम्नलिखित में से किस तरह प्रवक्त होगा ?

a. अंतर्निहित संभावित दंड

b. व्यक्तिगत आवश्यकताएं एवं इच्छाएं

C. व्यक्तिगत मूल्य

d. पारिवारिक अपेक्षाएं

Ans- a

लॉरेंस कोहलबर्ग के सिद्धांत से संबंधित प्रश्न

Q.1 लॉरेंस कोहलबर्गके संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?

A.      लॉरेंस कोहलबर्गअमेरिकी वैज्ञानिक थे

B.      इन्होंने जीन पियाजे से प्रभावित होकर नैतिक विकास का सिद्धांत दिए थे

C.      कोहलबर्ग ने नैतिक विकास को तीन अवस्थाओं में बढ़ता है

D.      कोहलबर्ग ने पूर्व परंपरागत सत्र को 6 से 11 वर्ष के बीच माना है

Q.2 नैतिक दुविधा नैतिक तर्कना को किस मनोवैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया है?

A.      जीन पियाजे जीन पियाजे

B.      लॉरेंस कोहलबर्ग

C.      वाइगोत्सकी

D.      एरिक एरिकसन

Q.3 लॉरेंस कोहलबर्ग के अनुसार शिक्षक बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास कर सकता है?

A.      कैसे व्यवहार किया जाना चाहिए इस पर कठोर निर्देश देकर

B.      धार्मिक शिक्षा को महत्व देकर

C.      व्यवहार के स्पष्ट नियम बनाकर

D.      नियम मुद्दों पर आधारित चर्चाओं में उन्हें शामिल करके

Q.4 लॉरेंस कोहलबर्ग के अनुसार सही और गलत के प्रश्न के बारे में निर्णय लेने में शामिल चिंतन प्रक्रिया को कहा जाता है?

A.      नैतिक पदार्थबाद

B.      नैतिक तर्कना

C.      सहयोग की नैतिकता

D.      दुविधा नैतिक

Q.5 निम्नलिखित में से कौन सा लॉरेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास की चरणों का लक्ष्य है?

A.      सभी संस्कृतियों से संबंध चरणों की सार्वभौम खुला

B.      विभिन्न चरण एक पैर पदानुक्रम रूप से आगे की ओर बढ़ते हैं

C.      चरणों का परिवर्तनशील अनुक्रम

D.      विभिन्न चरण अलग-अलग प्रत्युत्तर है ना के सामान्य

Q.6 लॉरेंस कोहलबर्ग के सिद्धांत में कौन सा स्थान नैतिकता की अनुपस्थिति को सही अर्थ में सूचित करता है?

A.      Lavel-1

B.      Lavel-2

C.      Lavel-3

D.      Lavel-4

Q.7 लॉरेंस कोहलबर्ग का सिद्धांत की एक प्रमुख आलोचना क्या है?

A.      कोहलबर्ग ने बिना किसी अनुभूति मुलाकात के सिद्धांत प्रस्तुत किया है

B.      इन्होंने नैतिक विकास की स्पष्ट अवस्थाओं का उल्लेख नहीं किया है

C.      कोहलबर्ग ने प्रस्ताव दिया कि नैतिकता तार्किकता विकासात्मक है

D.      कोहलबर्ग ने पुरुषों एवं महिलाओं की नैतिक तार्किकता में सांस्कृतिक विभिन्नताओं का महत्व नहीं दिया

Q.8 लॉरेंस कोहलबर्गके सिद्धांत के पूर्व परंपरा गत सत्र के अनुसार कोई नैतिक निर्णय लेते समय एक व्यक्ति निम्नलिखित में से किस तरह प्र वत होगा?

A.      व्यक्तिगत आवश्यकताएं तथा इच्छाएं

B.      व्यक्तिगत मूल्य

C.      पारिवारिक अपेक्षाएं

D.      अंतर्निहित संभावित दंड

Q.9 कोहलबर्ग ने प्रस्तुत किए हैं?

A.      संज्ञानात्मक विकास के चरण

B.      नैतिक विकास के चरण

C.      शारीरिक विकास के चरण

D.      संवेगात्मक विकास के चरण

Q. 10. आप एक शिक्षिका/शिक्षक के रूप में रैगिंग और धमकाने में सख्त विरोधी हैं तथा इस संदर्भ में विद्यालय में पोस्टर लगवाते हैं, तथा समिति बनवाते हैं ,आप से जुड़ने वाले किशोर जो इस विचार के दृढ़ विश्वासी है ,निम्नलिखित में से किस स्तर पर आएंगे ?

a.       पारंपरिक स्तर

b.      पूर्व पारंपरिक स्तर

c.       उत्तर पारंपरिक स्तर

d.      सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने वाला स्तर

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