सीखने के लिए मूल्यांकन और सीखने के मूल्यांकन के बीच अंतर; स्कूल-आधारित मूल्यांकन, सतत और व्यापक मूल्यांकन: परिप्रेक्ष्य और अभ्यास
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परिभाषा:
मूल्यांकन (Assessment) एक ऐसी प्रक्रिया
है जिसमें शिक्षार्थियों के सीखने की प्रगति (learning progress), क्षमताओं, दृष्टिकोण और व्यवहार का व्यवस्थित रूप
से आंकलन किया जाता है।
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उद्देश्य:
- विद्यार्थियों
के सीखने के स्तर का पता लगाना
- शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया में सुधार करना
- भविष्य
के शिक्षण की योजना बनाना
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2️⃣ सीखने
के लिए मूल्यांकन (Assessment for
Learning)
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अर्थ:
यह वह मूल्यांकन
है जो सीखने की प्रक्रिया के दौरान किया जाता है
ताकि शिक्षक को यह पता
चल सके कि छात्र
कहाँ कठिनाई महसूस कर रहा है
और उसे किस प्रकार
सहायता की आवश्यकता है।
👉
इसे Formative
Assessment (गठनात्मक
मूल्यांकन) भी कहा जाता
है।
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उद्देश्य:
- छात्रों
के सीखने को सुधारना
- तत्काल
प्रतिक्रिया
(Feedback) देना
- शिक्षण
में आवश्यक संशोधन करना
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विशेषताएँ:
- निरंतर
और नियमित
- सीखने
के दौरान किया जाता है
- सुधार
पर केंद्रित
- शिक्षक
और छात्र दोनों की भागीदारी
- प्रगति
मापने के साथ-साथ सहायता प्रदान करना
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उदाहरण:
- मौखिक
प्रश्नोत्तर
- कक्षा
में गतिविधि
- गृहकार्य
की समीक्षा
- समूह
चर्चा
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CTET PYQ (2023):
“Assessment for Learning is used to — improve learning.” ✅
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3️⃣ सीखने
का मूल्यांकन (Assessment of
Learning)
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अर्थ:
यह मूल्यांकन सीखने
की प्रक्रिया के अंत में किया जाता है
ताकि यह पता चले
कि छात्र ने कितना सीखा
है।
👉
इसे Summative
Assessment (सारांशात्मक
मूल्यांकन) भी कहते हैं।
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उद्देश्य:
- सीखने
के परिणामों का मापन करना
- ग्रेड/अंक देना
- अगले
स्तर पर पदोन्नति तय करना
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विशेषताएँ:
- अध्याय
या सत्र के अंत में किया जाता है
- परिणाम
या उपलब्धि पर केंद्रित
- शिक्षक
द्वारा संचालित
- सीखने
की गुणवत्ता का मापन
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उदाहरण:
- टर्म
एंड परीक्षा
- यूनिट
टेस्ट
- बोर्ड
परीक्षा
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CTET PYQ (2021):
“Assessment of Learning is primarily used to — grade students.” ✅
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4️⃣ Assessment for Learning Vs. Assessment of Learning
(अंतर तालिका सहित)
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बिंदु |
Assessment
for Learning |
Assessment
of Learning |
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उद्देश्य |
सीखने में सुधार |
सीखने का मूल्यांकन |
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समय |
शिक्षण प्रक्रिया के दौरान |
शिक्षण प्रक्रिया के अंत में |
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प्रकृति |
सतत, सुधारात्मक |
अंतिम, संक्षेपात्मक |
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दृष्टिकोण |
शिक्षक-शिक्षार्थी सहयोगी |
शिक्षक-नियंत्रित |
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परिणाम |
फीडबैक और सुधार |
ग्रेड / अंक |
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उदाहरण |
मौखिक प्रश्न, प्रोजेक्ट |
परीक्षा, टेस्ट |
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5️⃣ स्कूल-आधारित मूल्यांकन (School-Based
Assessment - SBA)
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अर्थ:
स्कूल-आधारित मूल्यांकन वह प्रणाली है
जिसमें छात्रों का मूल्यांकन विद्यालय
स्तर पर शिक्षक द्वारा ही किया जाता
है, न कि केवल
बाहरी परीक्षा द्वारा।
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उद्देश्य:
- शिक्षा
को छात्र-केंद्रित बनाना
- दैनिक
सीखने की प्रगति पर ध्यान देना
- शिक्षक
को सुधार हेतु वास्तविक डेटा प्रदान करना
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विशेषताएँ:
- मूल्यांकन
की जिम्मेदारी स्कूल की
- छात्रों
की बहुआयामी क्षमताओं का मूल्यांकन
- स्थानीय
संदर्भ के अनुसार लचीलापन
- सुधारात्मक
फीडबैक पर जोर
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मूल्यांकन के क्षेत्र:
- संज्ञानात्मक
(Cognitive)
- भावनात्मक
(Affective)
- क्रियात्मक
(Psychomotor)
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CTET PYQ (2020):
“School-Based Assessment promotes — holistic development of child.” ✅
🟩
6️⃣ सतत
और व्यापक मूल्यांकन (CCE - Continuous
and Comprehensive Evaluation)
🔹
अर्थ:
CCE एक ऐसी प्रणाली
है जिसमें छात्रों का मूल्यांकन सतत
(Continuous) और व्यापक (Comprehensive) रूप से किया
जाता है।
🔹
(A) सतत
(Continuous) का
अर्थ:
निरंतर समय-समय पर
किया जाने वाला मूल्यांकन।
👉
इसका उद्देश्य छात्र की सीखने की गति और प्रगति को लगातार मापना
है।
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(B) व्यापक
(Comprehensive) का
अर्थ:
छात्र के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास — यानी संज्ञानात्मक (बौद्धिक),
भावनात्मक और शारीरिक क्षेत्रों
का मूल्यांकन करना।
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CCE के मुख्य उद्देश्य:
- सीखने
की निरंतर निगरानी
- भय-मुक्त मूल्यांकन प्रणाली बनाना
- छात्रों
की छिपी क्षमताओं को पहचानना
- सुधारात्मक
शिक्षण को बढ़ावा देना
- परीक्षा
के दबाव को कम करना
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CCE के दो मुख्य घटक:
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घटक |
उद्देश्य |
|
गठनात्मक मूल्यांकन (Formative) |
सीखने की प्रक्रिया में
सुधार के लिए फीडबैक
देना |
|
सारांशात्मक मूल्यांकन (Summative) |
सत्रांत पर उपलब्धि का
आकलन करना |
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CCE में प्रयुक्त उपकरण (Tools):
- मौखिक
परीक्षण
- प्रोजेक्ट
कार्य
- व्यवहार
अवलोकन
- पोर्टफोलियो
- समूह
गतिविधियाँ
- सहपाठी
मूल्यांकन
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CTET PYQ (2019):
“The main aim of CCE is — holistic development of the learner.” ✅
🟩
7️⃣ CCE का
परिप्रेक्ष्य
(Perspective)
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दार्शनिक दृष्टिकोण:
- शिक्षा
केवल परीक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
- हर
बच्चे में कुछ न कुछ क्षमता होती है।
- शिक्षा
का उद्देश्य संपूर्ण विकास है, न कि केवल अंक प्राप्ति।
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मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण:
- निरंतर
फीडबैक से सीखने में सुधार होता है।
- मूल्यांकन
का उद्देश्य सहायता देना है, दंड देना नहीं।
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8️⃣ व्यवहारिक
अभ्यास
(Practice in Schools)
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शिक्षक की भूमिका:
- मूल्यांकन
को शिक्षण का हिस्सा बनाना।
- प्रत्येक
छात्र की व्यक्तिगत प्रगति दर्ज करना।
- फीडबैक
देकर सुधारात्मक कदम उठाना।
- माता-पिता के साथ संवाद स्थापित करना।
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स्कूल की भूमिका:
- मूल्यांकन
का रिकॉर्ड रखना
- प्रत्येक
विषय में निरंतर आकलन
- खेल,
कला, व्यवहार आदि को भी महत्व देना
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9️⃣ CCE के
लाभ और सीमाएँ
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लाभ |
सीमाएँ |
|
परीक्षा के दबाव में
कमी |
शिक्षक पर कार्यभार बढ़ता
है |
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सतत सुधार की सुविधा |
मूल्यांकन में पक्षपात संभव |
|
विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास |
सभी शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण
आवश्यक |
|
सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास |
रिकॉर्डिंग जटिल प्रक्रिया बन सकती है |
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CTET PYQ:
"CCE reduces the stress of examination — True or False?" → ✅
True
🟩
10️⃣ Quick Revision Table (CTET के लिए Summary)
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अवधारणा |
मुख्य बिंदु |
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Assessment for
Learning |
सुधार हेतु, शिक्षण के दौरान |
|
Assessment of
Learning |
उपलब्धि हेतु, शिक्षण के बाद |
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School-Based
Assessment |
शिक्षक द्वारा, स्कूल स्तर पर |
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CCE |
सतत + व्यापक मूल्यांकन |
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Formative |
सीखने में सहायता हेतु |
|
Summative |
सीखने के परिणाम हेतु |
