भाषा और विचार (Language and Thought) CDP CTET

 भाषा और विचार (Language and Thought)

1. परिचय

  • भाषा (Language): विचारों, भावनाओं और अनुभवों को प्रतीकों (Symbols), शब्दों और वाक्यों के माध्यम से व्यक्त करने की प्रक्रिया।
  • विचार (Thought): मानसिक प्रक्रिया जिसमें व्यक्ति समस्या-समाधान, तर्क, कल्पना और निर्णय करता है।
  • संबंध: भाषा और विचार एक-दूसरे के पूरक हैं। विचार भाषा को आकार देते हैं और भाषा विचारों को व्यक्त करने का माध्यम बनती है।

2. मुख्य दृष्टिकोण

(a) पियाजे (Jean Piaget)

  • भाषा और विचार स्वतंत्र प्रक्रियाएँ हैं।
  • बच्चे पहले विचार विकसित करते हैं, फिर उसे व्यक्त करने के लिए भाषा का उपयोग करते हैं।
  • भाषा = विचारों की अभिव्यक्ति मात्र।
  • उदाहरण: बच्चा पहले "वस्तु स्थायित्व" (Object Permanence) समझता है, फिर भाषा में व्यक्त करता है।

(b) वायगोत्स्की (Lev Vygotsky)

  • भाषा और विचार का गहरा संबंध है।
  • प्रारंभ में भाषा और विचार अलग होते हैं, लेकिन विकास के साथ एकीकृत हो जाते हैं।
  • उन्होंने तीन स्तर बताए:
    1. सोशल स्पीच (Social Speech): दूसरों से संवाद के लिए।
    2. प्राइवेट स्पीच (Private Speech): स्वयं से बात करनासमस्या समाधान का माध्यम।
    3. इनर स्पीच (Inner Speech): मौन में विचार करनाउच्च संज्ञानात्मक विकास का आधार।

👉 CTET में बार-बार पूछा जाता है:
Vygotsky के अनुसार भाषा = विचार का साधन और संज्ञानात्मक विकास की कुंजी।

(c) सपिर-व्हॉर्फ परिकल्पना (Linguistic Relativity Hypothesis)

  • भाषा विचार को आकार देती है।
  • जैसी भाषा, वैसा विचार
  • उदाहरण: जिन भाषाओं में बर्फ के लिए कई शब्द हैं, वहाँ के लोग बर्फ को अलग-अलग प्रकार से सोचते हैं।

3. शिक्षा में निहितार्थ (Implications for Teaching)

  1. शिक्षक को बच्चों को सोचने और व्यक्त करने के अवसर देने चाहिए।
  2. कक्षा में भाषाई गतिविधियाँ (चर्चा, प्रश्नोत्तर, संवाद) प्रोत्साहित करनी चाहिए।
  3. मदर टंग/होम लैंग्वेज में पढ़ाई प्रारंभ करने से विचारों का विकास बेहतर होता है।
  4. प्राइवेट स्पीच को प्रोत्साहित करें, क्योंकि यह बच्चों के समस्या-समाधान में मदद करता है।
  5. भाषा और विचार का विकास एक साथ चलता है, इसलिए सक्रिय संवादात्मक शिक्षण (Interactive Teaching) अपनाएँ।

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